“भारत अपने अद्भुत और मनमोहक झरनों के लिए भी जाना जाता है, जहां हर झरना अपनी एक अलग ही खूबसूरती और खासियत लिए हुए है। ये झरने सिर्फ देखने में ही सुंदर नहीं हैं, बल्कि इनसे जुड़ी होती हैं कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कहानियाँ भी। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, रोमांच पसंद करते हैं या फिर ऐसी जगहों की तलाश में हैं जो आपको मंत्रमुग्ध कर दें — तो ये 20 भारत के प्रसिद्ध झरनों को आपको एक बार ज़रूर देखने चाहिए, यह आपको एक अलग ही दुनिया का एहसास कराएगा।”
साथ ही आप यात्रा सुझाव भी पढ़ सकते हैं जिससे आपकी यात्रा के दौरान कोई समस्या न आए।
Table of Contents
1.Kunchikal Falls, Karnataka

कर्नाटक के शिमोगा जिले में स्थित कुंचिकल जलप्रपात, भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक है। लगभग 1,493 फीट की ऊँचाई के साथ यह भारत का सबसे ऊँचा झरना माना जाता है। यह झरना वराही नदी से बनता है और एक प्रतिबंधित जलविद्युत क्षेत्र के भीतर आता है, जहाँ प्रवेश के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है। प्राकृतिक सुंदरता और ऊँचाई के कारण यह झरना प्रकृति प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
Kunchikal Falls तक जाने का रास्ता :
🔸 हवाई मार्ग से:
कुंचिकल फॉल्स से लगभग 138 किलोमीटर की दूरी पर मैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थित है। यहां से टैक्सी और बस की सुविधा आसानी से मिल जाती है।
🔸 रेल मार्ग से:
उडुपी रेलवे स्टेशन झरने से लगभग 88 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से टैक्सी या लोकल ट्रांसपोर्ट लेकर कुंचिकल फॉल्स पहुँचा जा सकता है।
🔸 सड़क मार्ग से:
कुंचिकल फॉल्स, अगुंबे, उडुपी और शिमोगा जैसे शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप खुद की गाड़ी चला सकते हैं या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। NH169A के जरिए यहाँ पहुँचना सबसे आसान और सुंदर रास्ता माना जाता है।
2.Jog Falls, Karnataka

जोग फॉल्स कर्नाटक के शिमोगा ज़िले में पश्चिमी घाटों के बीच स्थित है। लगभग 830 फीट की ऊँचाई से गिरता यह झरना, शरावती नदी द्वारा बनता है और चार अलग-अलग धाराओं में बंटा होता है — राजा, रानी, रोअरर और रॉकेट। यह झरना प्रकृति की भव्यता का एक जीवंत उदाहरण है, जो इसे भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक बनाता है।
Jog Falls तक जाने का रास्ता:
🔸 हवाई मार्ग से:
हुबली हवाई अड्डा लगभग 130 किमी और मैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लगभग 210 किमी की दूरी पर स्थित हैं। दोनों जगहों से टैक्सी या बस की सुविधा उपलब्ध है।
🔸 रेल मार्ग से:
तालगुप्पा रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी है, जो झरने से सिर्फ 16 किमी दूर है।
🔸 सड़क मार्ग से:
जोग फॉल्स, बेंगलुरु से लगभग 400 किलोमीटर दूर है, जहां तक कार या बस से 7-8 घंटे का सफर होता है। रास्ता सुंदर और हरा-भरा होता है, जो यात्रा को और भी खास बना देता है।
3.Nohkalikai Falls, Meghalaya
नोहकलिकाई फॉल्स मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में स्थित है, जो चेरापूंजी (सोहरा) के पास आता है। लगभग 1,115 फीट की ऊँचाई से गिरता यह झरना भारत का सबसे ऊँचा प्लंज वॉटरफॉल है — यानी ऐसा झरना जहाँ पानी सीधी खड़ी ऊँचाई से गिरता है। अपनी ऊँचाई, प्राकृतिक सुंदरता और रहस्यमयी कहानियों के कारण यह झरना भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता
Nohkalikai Falls तक जाने का रास्ता:
🔸 हवाई मार्ग से:
शिलॉंग एयरपोर्ट (Umroi) चेरापूंजी से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से टैक्सी या लोकल कैब लेकर झरने तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।
🔸 रेल मार्ग से:
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी बड़ा स्टेशन है, जो चेरापूंजी से लगभग 99 किलोमीटर दूर है।
🔸 सड़क मार्ग से:
शिलॉंग से नोहकलिकाई फॉल्स की दूरी लगभग 55 किलोमीटर है। यहाँ तक आप किराए की कार या बाइक से पहुंच सकते हैं। रास्ता बेहद खूबसूरत और हरियाली से भरा होता है।
4.Nohsngithiang Falls, Meghalaya

नोहसंगीथियांग फॉल्स, जिसे ‘सेवन सिस्टर्स वॉटरफॉल्स’ के नाम से भी जाना जाता है, मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले के मावसमाई गाँव में स्थित है। लगभग 1,033 फीट की ऊँचाई से गिरता यह झरना, अपनी सात अलग-अलग धाराओं की वजह से बेहद आकर्षक और अद्भुत नज़ारा पेश करता है। यह झरना भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक है, जो हर साल हजारों प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों को अपनी ओर खींचता है।
Nohsngithiang Falls तक जाने का रास्ता
🔸 हवाई मार्ग से:
शिलॉंग एयरपोर्ट (Umroi) शिलॉंग शहर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से चेरापूंजी के लिए टैक्सी या लोकल वाहन आसानी से उपलब्ध हैं।
🔸 रेल मार्ग से:
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन इस क्षेत्र का सबसे नजदीकी बड़ा रेलवे स्टेशन है, जो चेरापूंजी से लगभग 99 किलोमीटर दूर है।
🔸 सड़क मार्ग से:
शिलॉंग से चेरापूंजी तक की दूरी लगभग 55 किलोमीटर है और वहाँ से मावसमाई गाँव तक सिर्फ 1 किलोमीटर का सफर तय कर के आप इस खूबसूरत झरने तक पहुँच सकते हैं। रास्ते में हरियाली और पहाड़ी नज़ारे आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देते हैं।
5.Dudhsagar Falls, Goa

दूधसागर जलप्रपात गोवा राज्य में मांडवी नदी पर स्थित है, जो कर्नाटक की सीमा के करीब पड़ता है। लगभग 310 मीटर (1020 फीट) की ऊँचाई से गिरता यह झरना अपनी सफेद झागदार धाराओं के कारण ‘दूध का सागर’ (Sea of Milk) कहलाता है। यह न केवल भारत के सबसे ऊँचे झरनों में से एक है, बल्कि भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक भी माना जाता है। इसकी खूबसूरती, हरियाली और रोमांचक ट्रेकिंग रूट्स इसे पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाते हैं।
Dudhsagar Falls तक जाने का रास्ता
🔸 रेल मार्ग से:
दूधसागर फॉल्स के सबसे नजदीक कुलेम रेलवे स्टेशन है, जो गोवा और कर्नाटक के बीच स्थित है। यहाँ से आप झरने तक जीप, बाइक या ट्रेकिंग के माध्यम से पहुँच सकते हैं।
🔸 सड़क मार्ग से:
मोल्लेम नेशनल पार्क, जहाँ से दूधसागर फॉल्स तक का रास्ता शुरू होता है, गोवा से टैक्सी या बाइक द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
🔸 ट्रेकिंग के माध्यम से:
अगर आप रोमांच पसंद करते हैं, तो सोनाउलिम या कुलेम से दूधसागर तक का ट्रेकिंग रूट बेहद सुंदर और यादगार साबित हो सकता है। मानसून के दौरान यह रास्ता और भी हरा-भरा और आकर्षक हो जाता है।
6.Talakona Falls, Andhra Pradesh

तालकोना फॉल्स, आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले में तिरुपति के पास स्थित है और यह श्री वेंकटेश्वर नेशनल पार्क के भीतर आता है। यह झरना लगभग 82 मीटर (270 फीट) की ऊँचाई से गिरता है और अपनी शांत व हरियाली भरी वादियों के लिए प्रसिद्ध है। झरने के पास ही भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर – सिद्धेश्वर स्वामी मंदिर स्थित है, जो इस जगह को आध्यात्मिक महत्व भी देता है। यह स्थान ना केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए बल्कि श्रद्धालुओं के लिए भी खास है, और इसीलिए भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है।
Talakona Falls तक जाने का रास्ता
🔸 रेल मार्ग से:
तिरुपति रेलवे स्टेशन तालकोना से लगभग 65 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से लोकल बस या टैक्सी के ज़रिए झरने तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।
🔸 सड़क मार्ग से:
तिरुपति से तालकोना फॉल्स की दूरी लगभग 49 किलोमीटर है। यहाँ तक आप प्राइवेट गाड़ी, टैक्सी या APSRTC की बसों से यात्रा कर सकते हैं।
7.Kuntala Falls, Telangana

कुंतला फॉल्स, तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में स्थित है और यह राज्य का सबसे ऊँचा जलप्रपात है, जो लगभग 147 फीट (45 मीटर) की ऊँचाई से गिरता है। कदम नदी द्वारा बना यह झरना खास तौर पर मानसून के मौसम में बेहद मनोरम और जीवंत दिखाई देता है। शांत वातावरण, घने जंगल और पानी की गूंज मिलकर इसे एक शानदार प्राकृतिक स्थल बनाते हैं। अपनी नैसर्गिक सुंदरता के चलते कुंतला फॉल्स को भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है।
Kuntala Falls तक जाने का रास्ता
🔸 हवाई मार्ग से:
हैदराबाद का राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा झरने से लगभग 310 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से टैक्सी या बस के ज़रिए यात्रा की जा सकती है।
🔸 रेल मार्ग से:
आदिलाबाद रेलवे स्टेशन, कुंतला फॉल्स से लगभग 58 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से टैक्सी या लोकल वाहन द्वारा झरने तक पहुँचना आसान है।
🔸 सड़क मार्ग से:
हैदराबाद या आदिलाबाद से नेशनल हाईवे 44 के माध्यम से आप कुंतला फॉल्स तक पहुँच सकते हैं। ये सफर लगभग 5-6 घंटे का होता है, लेकिन रास्ते भर का नज़ारा बेहद सुखद रहता है।
8.Dhuandhar Falls, Madhya Pradesh

धुआँधार जलप्रपात मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में स्थित है, जिसे ‘संगमरमर नगरी’ (Marble City) भी कहा जाता है। यह झरना नर्मदा नदी पर बना है और लगभग 30 मीटर की ऊँचाई से गिरता है। ‘धुआँधार’ नाम दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘धुआँ’ यानी कोहरा/धुंध और ‘धार’ यानी बहाव। जब झरने का पानी गिरता है, तो उससे उठने वाली बूँदें और धुंध इसे एक धुआँधार रूप देती हैं। इसकी गर्जना दूर तक सुनाई देती है और चारों ओर फैले भेड़ाघाट के सफेद संगमरमर के पहाड़ इसे और भी मनमोहक बनाते हैं। इसलिए यह झरना भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है।
Dhuandhar Falls तक जाने का रास्ता
🔸 हवाई मार्ग से:
जबलपुर एयरपोर्ट, धुआँधार झरने से लगभग 35 किलोमीटर दूर है। यहाँ से टैक्सी या कैब आसानी से मिल जाती है।
🔸 रेल मार्ग से:
जबलपुर रेलवे स्टेशन, झरने से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर है। स्टेशन से लोकल बस या टैक्सी ली जा सकती है।
🔸 सड़क मार्ग से:
धुआँधार झरना सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप कैब, प्राइवेट व्हीकल या लोकल बसों से यहाँ तक पहुँच सकते हैं।
9.Chitrakoot Falls, Chhattisgarh

चित्रकूट जलप्रपात छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित है और इंद्रावती नदी पर बना है। यह झरना लगभग 29 मीटर (95 फीट) की ऊँचाई से गिरता है। मानसून के मौसम में जब इसकी धार पूरी ताक़त से बहती है, तो इसकी चौड़ाई करीब 300 मीटर तक फैल जाती है – जो इसे भारत का सबसे चौड़ा झरना बनाती है। इसी वजह से इसे अक्सर “भारत का नियाग्रा फॉल्स” भी कहा जाता है। अपनी विशालता, गूंजती हुई आवाज़ और अद्भुत दृश्य के कारण, चित्रकूट फॉल्स को भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है।
Chitrakoot Falls तक जाने का रास्ता
🔸 हवाई मार्ग से:
स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट (रायपुर), चित्रकूट फॉल्स से लगभग 285 किलोमीटर दूर है। यहाँ से कैब या बस के ज़रिए पहुँचा जा सकता है।
🔸 रेल मार्ग से:
जगदलपुर रेलवे स्टेशन, झरने से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
🔸 सड़क मार्ग से:
चित्रकूट झरना सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जगदलपुर से टैक्सी या लोकल बस के ज़रिए आप आसानी से वहाँ पहुँच सकते हैं।
10.Shivanasamudra Falls, Karnataka

शिवानासमुद्र जलप्रपात कर्नाटक के मांड्या जिले में, कावेरी नदी के किनारे स्थित है। यह झरना लगभग 98 मीटर (322 फीट) की ऊँचाई से गिरता है और इसकी जलधारा इतनी प्रबल है कि इससे एशिया का पहला हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन 1902 में स्थापित किया गया था, जो आज भी चालू है। हरे-भरे परिवेश और प्राचीन इतिहास के कारण, यह झरना भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है। प्रकृति प्रेमियों और फ़ोटोग्राफ़र्स के लिए यह एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है।
Shivanasamudra Falls तक जाने का रास्ता
🔸 रेल मार्ग से:
मैसूर रेलवे स्टेशन, झरने से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है और मड्डूर स्टेशन, केवल 20 किलोमीटर दूर स्थित है।
🔸 सड़क मार्ग से:
आप मैसूर या बैंगलोर से कोल्लेगल तक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। कोल्लेगल से शिवानासमुद्र की दूरी केवल 20 किलोमीटर है।
11.Hogenakkal Falls, Tamil Nadu

होगेनक्कल जलप्रपात तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में कावेरी नदी पर स्थित है। यह झरना लगभग 120 मीटर की ऊँचाई से गिरता है और अपने मनोरम दृश्यों और रोमांचक अनुभवों के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि यह झरना भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है। यहाँ की खास बात है पारंपरिक ‘कोरकल नाव की सवारी‘, जिसे स्थानीय लोग करवाते हैं – यह सवारी आपको झरने के बहुत करीब ले जाती है और एक अनोखा अनुभव देती है।
Hogenakkal Falls तक कैसे जाएं
🔸 हवाई मार्ग से:
सेलम एयरपोर्ट, होगेनक्कल से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
🔸 रेल मार्ग से:
धर्मपुरी रेलवे स्टेशन, सबसे नजदीकी स्टेशन है जो झरने से लगभग 45 किलोमीटर दूर है।
🔸 सड़क मार्ग से:
बेंगलुरु (लगभग 130 किमी) और सेलम (लगभग 90 किमी) से होगेनक्कल तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। दोनों जगहों से बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।
12.Kempty Falls, Uttarakhand

केम्प्टी फॉल्स, उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय की हरियाली में बसा एक बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह झरना लगभग 40 फीट की ऊँचाई से गिरता है और सालभर हज़ारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। शांति और प्राकृतिक सुंदरता की तलाश में आने वाले लोगों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं। यही कारण है कि केम्प्टी फॉल्स को भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है।
Kempty Falls तक जाने का रास्ता
🔸 रेल मार्ग से:
सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून है, जहाँ से आप टैक्सी या बस द्वारा आगे की यात्रा कर सकते हैं।
🔸 सड़क मार्ग से:
मसूरी से केम्प्टी फॉल्स की दूरी लगभग 17 किलोमीटर है। आप आसानी से NH 707A के माध्यम से पहुँच सकते हैं।
🔸 रोपवे से:
रामनगर में स्थित Espresso रोपवे से भी आप झरने के बेस तक एक अलग और शानदार अनुभव के साथ पहुँच सकते हैं।
13.Athirappilly Waterfalls, Kerala

अथिरप्पिली फॉल्स, केरल के त्रिशूर जिले में स्थित है और यह राज्य का सबसे बड़ा झरना है, जो लगभग 80 फीट की ऊँचाई से गिरता है। यह स्थान अपनी कच्ची प्राकृतिक सुंदरता और जीवंत जैव विविधता के लिए जाना जाता है – यहाँ आपको संकटग्रस्त ‘ग्रेट हॉर्नबिल’ पक्षी और एशियाई हाथी जैसे दुर्लभ जीव भी देखने को मिल सकते हैं। यही कारण है कि अथिरप्पिली को भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है। इस झरने को फिल्मों और सिनेमा में भी कई बार दिखाया गया है, जिससे इसकी लोकप्रियता और भी बढ़ जाती है।
Athirappilly Falls तक जाने का तरीका
🔸 रेल मार्ग से:
चलाकुडी रेलवे स्टेशन, झरने से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहाँ से आप टैक्सी या बस द्वारा पहुँच सकते हैं।
🔸 सड़क मार्ग से:
त्रिशूर से अथिरप्पिली की दूरी लगभग 62 किलोमीटर है। आप NH544 या SH21 के ज़रिए यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं।
14.Teerathgarh Falls, Chhattisgarh

तीरथगढ़ फॉल्स, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की हरी-भरी वादियों में बसा हुआ है। यह झरना लगभग 91 मीटर (300 फीट) की ऊँचाई से पत्थरों की सीढ़ीनुमा संरचना पर गिरता है, जिससे इसकी खूबसूरती और भी निखर कर सामने आती है। यह झरना न केवल प्रकृति प्रेमियों बल्कि साहसिक यात्रियों और संस्कृति की झलक चाहने वालों के लिए भी खास है। यही वजह है कि तीरथगढ़ को भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है।
Teerathgarh Falls तक पहुँचने का तरीका
🔸 रेल मार्ग से:
जगदलपुर रेलवे स्टेशन, पार्क से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से टैक्सी या लोकल वाहन मिल जाते हैं।
🔸 सड़क मार्ग से:
जगदलपुर से आप टैक्सी या प्राइवेट गाड़ी किराए पर लेकर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान पहुँच सकते हैं।
🔸 अंतिम यात्रा:
पार्क के अंदर से झरने तक पहुँचने के लिए आपको एक छोटा सा ट्रेक या जीप सफर तय करना होता है।
15.Barehipani Falls, Odisha

बरेहिपानी फॉल्स ओडिशा राज्य के मयूरभंज जिले में स्थित सिमिलिपाल नेशनल पार्क के अंदर मौजूद है। यह झरना लगभग 399 मीटर (1,309 फीट) की ऊँचाई से दो स्तरों में गिरता है, जो इसे भारत का दूसरा सबसे ऊँचा जलप्रपात बनाता है। इसे “बुढ़ाबालांगा नदी” से पानी मिलता है। प्राकृतिक सौंदर्य, शांत वातावरण और साहसिकता का अद्भुत संगम होने के कारण बरेहिपानी को भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों, फोटोग्राफर्स और एडवेंचर के शौकीनों को बेहद आकर्षित करता है।
Barehipani Falls तक कैसे जाएं
🔹 हवाई मार्ग:
निकटतम हवाई अड्डा है बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (भुवनेश्वर), जो सिमिलिपाल से लगभग 270 किमी दूर स्थित है।
🔹 रेल मार्ग:
बारीपदा रेलवे स्टेशन, झरने से लगभग 67 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से टैक्सी या लोकल वाहन लिए जा सकते हैं।
🔹 सड़क मार्ग:
सिमिलिपाल नेशनल पार्क ओडिशा के विभिन्न शहरों से सड़क द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। निजी वाहन या टैक्सी लेकर आसानी से पहुँचा जा सकता है।
16.Hundru Falls, Jharkhand

हंडरू फॉल्स, झारखंड के रांची जिले में स्थित है, जो लगभग 98 मीटर (320 फीट) की ऊँचाई से गिरता है। यह खूबसूरत झरना सुवर्णरेखा नदी के जल से बनता है और खासकर मानसून के मौसम में इसकी सुंदरता अपने चरम पर होती है। वहीं सर्दियों में, जब पानी शांत हो जाता है, तो यह स्थान एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट बन जाता है, जहाँ झरने के नीचे बने स्वच्छ व शांत जलकुंड मन को सुकून देते हैं।
इसी कारण, हंडरू फॉल्स को भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है, जो प्रकृति प्रेमियों और परिवारों के बीच खासा लोकप्रिय है।
Hundru Falls तक जाने का रास्ता
🔹 रेल मार्ग:
रांची रेलवे स्टेशन झरने से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से टैक्सी या बस लेकर हंडरू फॉल्स तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।
🔹 सड़क मार्ग:
रांची से हंडरू फॉल्स की दूरी लगभग 45 किमी है, जिसे निजी वाहन, टैक्सी या लोकल ट्रांसपोर्ट से तय किया जा सकता है।
17.Rajrappa Falls, Jharkhand
राजरप्पा फॉल्स, झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित है और लगभग 30 फीट की ऊंचाई से गिरता है। यह झरना खास इसलिए भी है क्योंकि यहां भेड़ा नदी और दामोदर नदी का संगम होता है, जिससे एक अद्भुत और मोहक जलधारा बनती है।
इस झरने के पास ही स्थित है प्रसिद्ध छिन्नमस्ता मंदिर, जो विचित्र रूप वाली देवी छिन्नमस्ता को समर्पित है। आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का यह अनोखा मेल ही राजरप्पा जलप्रपात को भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक बनाता है।
Rajrappa Falls तक पहुँचने के मार्ग
🔹 रेल मार्ग:
रामगढ़ कैंट रेलवे स्टेशन, झरने से लगभग 28 किमी की दूरी पर है। यहाँ से टैक्सी या ऑटो की सुविधा उपलब्ध है।
🔹 सड़क मार्ग:
रांची से NH 33 के ज़रिए यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है। निजी वाहन या बस से यात्रा करना सुविधाजनक रहता है।
18.Girmal Falls, Gujarat

गिरमल फॉल्स, गुजरात के डांग जिले में स्थित है और यह लगभग 100 फीट की ऊंचाई से गिरता है। घने जंगलों और समृद्ध जैव विविधता से घिरा यह झरना, वन विभाग द्वारा अच्छी तरह संरक्षित है।
हालाँकि गिरमल जलप्रपात उतना प्रसिद्ध नहीं है, फिर भी इसकी कच्ची और अनछुई प्राकृतिक सुंदरता इसे भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक बनाती है। यहां की शांति, हरियाली और पानी की गूंज, हर प्रकृति प्रेमी को मंत्रमुग्ध कर देती है।
Girmal Falls तक पहुँचने के मार्ग
🔹 हवाई मार्ग:
सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट यहाँ का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है।
🔹 रेल मार्ग:
व्यारा रेलवे स्टेशन, गिरमल से लगभग 90 किमी की दूरी पर स्थित है।
🔹 सड़क मार्ग:
सापुतारा से लगभग 85 किमी और सूरत से लगभग 140 किमी की दूरी तय कर टैक्सी या कैब से यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है।
19.Rakim Kund Falls, Bihar
रकीम कुंड जलप्रपात, बिहार के नालंदा ज़िले में स्थित है और यह लगभग 168 मीटर की ऊँचाई से गिरता है। यह झरना गयघाट नदी द्वारा निर्मित होता है और अपने भीतर प्राकृतिक शांति, रहस्य और अनुपम सौंदर्य को समेटे हुए है।
भीड़-भाड़ से दूर यह स्थान अब भी कई लोगों की नजरों से छुपा हुआ है, लेकिन इसके अनछुए सौंदर्य की वजह से यह झरना भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाने लगा है।
Rakim Kund Falls तक पहुँचने के रास्ते
🔹 रेल मार्ग:
सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है राजगीर रेलवे स्टेशन।
🔹 सड़क मार्ग:
राजगीर से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रकीम कुंड तक आप सड़क मार्ग से आसानी से पहुँच सकते हैं। टैक्सी या निजी वाहन की सुविधा उपलब्ध है।
20.Nuranang Falls, Arunachal Pradesh

नुरानांग जलप्रपात, जिसे जंग फॉल्स के नाम से भी जाना जाता है, अरुणाचल प्रदेश के तवांग ज़िले में स्थित है। यह झरना लगभग 100 मीटर की ऊँचाई से गिरता है और सेला पास से निकलने वाली नुरानांग नदी द्वारा पोषित होता है, जो आगे जाकर तवांग नदी में मिल जाती है।
पानी के पत्थरों पर गिरने की गूंज, आसपास की हरियाली और बर्फीली वादियाँ इस झरने को एक रहस्यमयी और मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव बनाती हैं। इसी अनूठे अनुभव के कारण, यह जलप्रपात भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक माना जाता है।
Nuranang Falls तक जाने का रास्ता
🔹 हवाई मार्ग:
गुवाहाटी एयरपोर्ट तवांग से लगभग 480 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
🔹 रेल मार्ग:
तेज़पुर रेलवे स्टेशन इस क्षेत्र का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है।
🔹 सड़क मार्ग:
तवांग से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस झरने तक आप स्थानीय टैक्सी या निजी वाहन से पहुँच सकते हैं।
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